श्रम विरोधी संशोधन के विरोध में बीएमएस ने दिया ज्ञापन
श्रम कानूनों में संशोधन को वापस लेने की मांग
आवाज टुडे न्यूज़ कोटा।
केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में किए गए श्रम कानूनों में संशोधनों को भारतीय मजदूर संघ ने सरकारी उपक्रमों, विभागों और संस्थानों को निजी करण की ओर धकेलने की कवायद बताया है। बीएमएस में श्रम विरोधी संशोधनों को लेकर खासा आक्रोश है। इसी को लेकर बीएमएस कि कोटा इकाई ने प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा। ज्ञापन में भारतीय मजदूर संघ ने श्रम कानूनों में संशोधन को वापस लेने की मांग की है।
भारतीय मजदूर संघ कोटा इकाई के जिलाध्यक्ष जगमोहन शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से श्रमिक कानूनों में संशोधन किए जा रहे हैं। यह संशोधन श्रमिक विरोधी है जिसको लेकर मजदूर वर्ग में रोष व्याप्त है। शर्मा ने कहा कि नए संशोधनों से श्रमिकों का शोषण होगा।
बीएमएस कोटा इकाई के जिला मंत्री पवन जैन ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से श्रमिक कानूनों में किए गए संशोधन से प्रत्येक क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा और श्रमिक वर्ग का शोषण होगा जैन के अनुसार रेलवे, डाक विभाग, जलदाय विभाग, विद्युत विभाग, चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों को भी निजीकरण की ओर धकेला जा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानूनों में किए गए संशोधन किसी भी प्रकार ठीक नहीं है। इसलिए सरकार को इनको वापस लेना चाहिए। इन संशोधनों को वापस लेने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा गया। जिसमें प्रधानमंत्री से श्रमिक कानूनों में किए गए संशोधनों को वापस लेकर मजदूर वर्ग को राहत देने की मांग की गई है। ज्ञापन देने वालों में प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश उपाध्यक्ष सीपी शर्मा, प्रदेश मंत्री रामबाबू नागर और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नंद सिंह सिसोदिया शामिल थे।
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