वक्फ कमेटी के वाइस चेयरमैन इरशाद अली ने आबकारी अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
आवाज टुडे न्यूज़ कोटा।
भले ही कोरोना की चेन तोड़ने के लिए प्रशासन ने शहर में रात्रि कर्फ्यू लगा दिया हो लेकिन इसका पूरा फायदा मिलने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। जहां एक ओर आम जनता और व्यापारी कर्फ्यू की पीड़ा भुगत रहे हैं वहीं दूसरी ओर शराबियों के लिए इसके कोई विशेष मायने नहीं हैं, जहां सभी दुकानें 7 बजे बन्द हो जाती है वहीं शराब की दुकानें पूरे समय खुली हुई और इन दुकानों पर लगी शराबियों की भीड़ कर्फ्यू लगाने वाले प्रशासन का मुंह चिढ़ा रही है। इससे कोरोना संक्रमण की गति बढ़ने की आशंका को देखते हुए वक्फ कमेटी के वाइस चेयरमैन इरशाद अली ने बुधवार को जिला आबकारी अधिकारी बिरधीचन्द गंगवाल को ज्ञापन देकर अन्य दुकानों की भांति शराब की दुकानें भी 7 बजे बन्द करवाने की मांग की है।
इरषाद अली ने आबकारी अधिकारी गंगवाल को बताया कि शीत ऋतु के आगमन के साथ ही कोरोना के संक्रमण में हुई भीषण वृद्धि के चलते शहरवासियों के हितार्थ रात्रि कफ्र्यू आवश्यक था और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने चाहिए थे लेकिन खेद का विषय है कि इसकी पालना में जहां समस्त उद्योग धंधे और सभी प्रकार के व्यावसायिक क्रियाकलाप सायं 7 बजे बन्द हो जाते हैं, वहीं दूसरी ओर शहर की सभी शराब की दुकानें 8 बजे तक खुली हुई हैं। पुलिस और प्रशासन की सारी सख्ती के बावजूद भी कमोबेश इन सभी दुकानों पर कम ज्यादा भीड़ लगी हुई है जिससे कोरोना संक्रमण की कड़ियां तोड़ने में कभी सफलता नहीं मिल सकती।
इरशाद अली ने मांग की है कि अन्य दुकानों की भांति शराब की दुकानों पर विशेष सख्ती कर 7 बजे बन्द करवाया जाये वहीं इन दुकानों पर साॅशल डिस्टेंसिंग की कठोरता से पालना करवाई जाये ताकि शराब खरीदने वाले अपने साथ कोरोना घर न ले जायें। आबकारी अधिकारी गंगवाल ने इरषाद अली को भरोसा दिलाया है कि वे शीघ्र ही जिला कलक्टर महोदय से इस बारे में बात कर कार्रवाई करेंगे ताकि रात्रि कफ्र्यू के पीछे के मूल लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
ज्ञापन देने वालों में भाजपा अल्पसंख्यक मार्चे के उपाध्यक्ष मुन्ना खान, फिरोज खान, युवराज गौड़, रवि डमोरिया, नरेष, सुल्तान आदि प्रमुख थे।
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