- सर्वाधिक एनबीए एक्रेडिटेशन साथ आरटीयू बना प्रदेश का प्रथम तकनीकी विश्विद्यालय
- प्रदेश के आरटीयू इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को मिलेगी अंतराष्ट्रीय मान्यता
- राज्य सरकार की संकल्पना प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के उन्नयन हेतु आरटीयू प्रतिबद्ध : प्रो.आर.ए.गुप्ता, कुलपति
आवाज़ टुडे न्यूज़ कोटा।
प्रदेश में शैक्षणिक सत्र 2021-22 सें इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमो में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए तकनीकी शिक्षा उच्च मानको के साथ उनके कैरियर निर्माण के लिए नए आयाम स्थापित करने जा रही हैं। राजस्थान तकनीकी विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. आर.ए. गुप्ता के सफल निर्देशन में हाल ही में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिएशन (एनबीए) दुवारा राजस्थान तकनीकी विश्विद्यालय, कोटा के बी.टेक. इंजीनियरिग प्रोग्राम की इलेक्ट्रिकल, सिविल, कंप्यूटर, इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल तथा प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल ब्रांचो को एनबीए की मान्यता प्रदान की गई हैं, जिसके साथ ही आरटीयू प्रदेश का सर्वाधिक एनबीए एक्रेडिटेशन वाला प्रथम तकनीकी विश्विद्यालय बन गया है। प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के गुणवत्ता निर्धारण और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को वैश्विक पहचान और अंतराष्ट्रीयकरण की दिशा में राजस्थान तकनीकी विश्विद्यालय दुवारा नए मानक निधारित कर दिए गए है, माननीय कुलाधिपति एवं प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के उन्नयन हेतु राज्य सरकार की संकल्पना को साकार करते हुए विश्विद्यालय युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा एवं वैश्विक स्तर की मान्यता देने के लिए प्रतिबद्धता के साथ नित्य नए आयाम स्थापित कर तकनीकी शिक्षा की नीतियों का सफल क्रियान्वयन कर रहा हैं।
राज्य सरकार के दृष्टिकोण उच्च, तकनीकी और कौशल शिक्षा को विकसित करते हुए प्रदेश के युवा को सक्षम बनाने के लिए विश्विद्यालय प्रशासन दुवारा एनबीए एक्रेडिएशन माध्यम से असंख्य युवा राज्य सरकार की जनहितकारी शैक्षिक नीतियों का लाभ उठा सकेंगे। जिससे प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के प्रति माहौल विकसित होगा अन्य राज्यों के युवा तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने के लिए आकर्षित होंगें।
देश में तकनीकी शिक्षा का गुणवता का अंतराष्ट्रीय मानक निर्धारण करने वाला एनबीए एक स्वायत्त संस्थान है जो समय-समय पर तकनीकी संस्थानों तथा पाठ्यक्रमों का मूल्यांकन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् द्वारा अनुशंसित मानक तथा मानदंडों के अनुरूप करता है। आरटीयू को बीएमएस कॉलेज बैंगलोर, आईआईटी दिल्ली, जामिया मिल्लिया दिल्ली, नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट, दिल्ली तथा मुरथल से आए एनबीए विशेषज्ञों की टीम निर्देशन में मान्यता प्रक्रिया के अंतर्गत विश्वविद्यालय में दौराकर पांचो विभागों का गहन मूल्यांकन कर उन्हें अंक प्रदान किए गए थे। ऑनलाइन संवाद, शिक्षण पद्धति का फीडबैक, अभिभाक संवाद ,स्टूडेंट प्रोजेक्टस अकादमिक स्तर, लैब, वर्कशाप, लाइब्रेरी, रिसर्च, इंफ्रास्ट्रक्चर, खेल सुविधा, छात्रावास, कैंटीन उपलब्धता, विद्यार्थी से संबंधित सुविधाए, परीक्षा परिणाम, शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं योग्यता, स्टाफ, शैक्षणिक गैर शैक्षणिक गतिविधियाँ, अकादमिक नवाचार व सामाजिक योगदान, संस्थान स्तर पर लघु तथा दीर्घ कार्य योजना, वित्तीय संसाधनो की वर्तमान स्थति सहित कई अन्य महत्वपूर्ण पहलुओ और विभिन्न मानदंडों पर विषय विशेषज्ञों दुवारा विश्विद्यालय का कठोर आंकलन किया जाता हैं। इस प्रक्रिया से गुजरते हुए राजस्थान तकनीकी विश्विद्यालय कोटा ने अपनी रैंकिंग में श्रेष्ठतम प्रदर्शन किया हैं।
राजस्थान तकनीकी विश्विद्यालय के इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को मान्यता मिलने से विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण स्नातकों को खाड़ी देशों,अमेरिका तथा इंग्लैंड सहित अन्य कई देशों के पाठ्यक्रमों के समकक्ष मान्यता मिलेगी। यह मान्यता अंतराष्ट्रीय वाशिंगटन समझौते के अनुरूप है, जिसमें एनबीए भी एक हस्ताक्षरकर्ता है। वाशिंगटन समझौते की अनुपालना के अनुरूप किसी भी विश्विद्यालय के एनबीए मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों को अन्य हस्ताक्षरकर्ता देशों में वैश्विक मान्यता हासिल होती है, जिनमें आस्ट्रेलिया, कनाडा, ताइवान, हांगकांग, आयरलैंड, जापान, इंग्लैंड तथा अमेरिका सहित 50 से अधिक देश शामिल हैं जिसमे विद्यार्थी इन देशों में रोजगार के अंतराष्ट्रीय विकल्प प्राप्त होंगे। एक्रेडिटेशन मिलने के साथ ही विश्विद्यालय कई प्रकार के अनुदान ही प्राप्त कर सकेगा जो तकनीकी शिक्षा के प्रचार-प्रसार में सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर कुलपति प्रो.आर.ए.गुप्ता ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय श्री अशोक गहलोत को राजस्थान तकनीकी विश्विद्यालय, कोटा दुवारा अर्जित एनबीए एक्रेडिटेशन की उपलब्धि से अवगत कराया गया।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महामहिम राज्यपाल कलराज मिश्र जी ने तकनीकी शिक्षण की गुणवत्ता में नवाचार की उपलब्धि हासिल करने पर विश्वद्यालय परिवार को बधाई दी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी कुलपति प्रो. गुप्ता के नेतृत्व में विश्वद्यालय इसी तरह से गुणवत्ता में न केवल प्रदेश में बल्कि देश भर के अग्रणी तकनीकी संस्थाओं में अपना स्थान बनाएगा, उन्होंने आरटीयू के सभी विधार्थियों को अपनी शुभकामनाएं प्रदान की।
तकनीकी शिक्षा मंत्री माननीय डॉ. सुभाष गर्ग ने आरटीयू कुलपति व विश्वविद्यालय प्रशासन को इस एतिहासिक उपलब्धि के लिए शुभकामाए प्रदान की और भविष्य में भी इस प्रकार के नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा की इसे समय की मांग के अनुरूप तकनीकी पाठ्यक्रमो का स्तर निर्धारित करना आवश्यक हैं, इन ब्रांचों से पासआउट होने वाले विधार्थियों को अधिक से अच्छे और शीघ्र रोजगार के श्रेष्ठतम अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही आने वाले समय में विधार्थियों में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमो के चयन को लेकर राजस्थान तकनीकी विश्विद्यालय उनकी प्राथमिकता में शामिल होंगा। उन्होंने आशा व्यक्त हैं कि इससे प्रदेश के अन्य इंजीनियरिंग संस्थान भी शीघ्र ही अपने बी टेक प्रोग्राम की गुणवत्ता पर ध्यान देते हुए एनबीए एक्रेडिटेशन हेतु आवेदन करेंगे ताकि प्रदेश में आने वाले समय में और बेहतर तकनीकी मानव संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे,परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और राज्य सरकार की लाभकारी नीतियों से विधार्थी लाभान्वित होंगे। राज्य सरकार के उदेश्यात्मक नीतियों के क्रियान्वयन की प्राथमिकता सुनिशिचत करते हुए प्रो. गुप्ता और उनकी टीम नें कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों के अल्प समय में प्रभावी कार्य-योजना बना कर यह उपलब्धि अर्जित की हैं। विश्विद्यलय की कई विषय विशेषज्ञों और वरिष्ठ प्रोफेसर्स ने इसमें अपना अमूल्य योगदान प्रदान किया।
कुलपति प्रो.आर.ए.गुप्ता ने कहा की आरटीयू परिवार के लिए यह गौरव का पल है जिसे में इस योजना को साकार रूप देने में मेरे सहयोगियों को समर्पित करता हूँ। तकनीकी शिक्षा के वैश्विक परिदृश्य में संस्थानों की अंतर्राष्ट्रीयकरण रैंकिंग की मांग में वृद्धि हुई हैं। आज प्रवेश लेने वाले विधार्थियों दुवारा एनबीए उपलब्धियों को रेखांकित किया जा रहा हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों और नियोक्ताओं ने आज एनबीए कॉलेजो को अपने प्लेसमेंट की प्राथमिकता में शामिल किया हैं। रैंकिंग की इस विश्वसनीय प्रणाली विधार्थियों के विश्वास की अवधारणा को विकसित किया हैं। नि:संदेह एनबीए एक्रेडिटेशन से राजस्थान तकनीकी विश्विद्यालय कीख्याति वैश्विक शैक्षिक केंद्र के रूप में विकसित होगी। आज के युग में शैक्षणिक संस्थानों मानदंडीकरण के महत्व में वृद्धि हुई हैं। योग्यता निर्धारण किसी भी शैक्षणिक संस्थान की गुणवत्ता कसौटी होते हैं इसलिये प्रत्यायन महत्वपूर्ण हो जाता है। एनबीए एक्रेडिटेशन द्वारा विश्वविद्यालयों में तकनीकी शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना और पहचानना ही मुख्य उदेश्य हैं।
डीन प्रो अनिल के माथुर ने बताया की आरटीयू के बी.टेक. की क्वालिटी तथा लोकप्रयीता के चलते 2021 से कंप्यूटर में सीटों की संख्या 60 से बढ़ाकर 120 की जायेगी। इसी तरह इंस्ट्रूमेंटेशन एंड कंट्रोल तथा इलेक्ट्रिकल में क्रमश 60 तथा 120 सीट उपलब्ध होंगी। आगामी कार्य योजना में बी.टेक. के तीन अन्य कोर्सेज, जिनके लिए लॉकडॉउन से पहले आवेदन किया जा चुका है, हेतु एक्सपर्ट विजिट जल्दी करने हेतु एनबीए से प्रार्थना की जायगी तथा आशा है कि 2021 में इस संस्थान में कुल 8 कोर्स एक्रेडिटेटेड हो सकेंगे।
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