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नाग नागिन मंदिर में गुंजा भोले का जयकारा

आवाज़ टुडे न्यूज़ कोटा। कोटडी नहर के पास स्थित नाग नागिन मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। एक ओर मंदिर में जहां दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ रही, वही भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक दुग्ध अभिषेक सहित अनेक धार्मिक आयोजन किए गए। भक्तों ने महादेव के जयकारे लगाकर माहौल को जोशीला बनाए रखा। शाम को मंदिर में भोलेनाथ का सवा किलो भांग और सवा किलो सूखे मेवे से  श्रृंगार किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन कर आरती में भाग लिया और अपने परिवार के लिए मंगल कामना की।
नाग नागिन मंदिर के पुजारी मुकुट शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि, हिंदुओं का एक धार्मिक त्योहार है। पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी। महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए महाशिवरात्रि को बहुत खास माना जाता है। 
उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की मूर्ति या शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराकर लोटे से जल चढ़ाया जाता है। फिर चंदन का तिलक लगाकर, बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र चढ़ाना चाहिए। किसी भी विशेष पूजा पर भगवान के आगे कुछ दक्षिणा जरूर चढ़ाना चाहिए। शिवरात्रि के दिन सुबह से लेकर पूरी रात तक दीपक जलाने से शिव और पार्वती की कृपा प्रप्त होती है। माना जाता है कि इस दिन पुजा-पाठ करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है साथ ही, अविवाहितों को मनपसंद जीवनसाथी मिलता है। महाशिवरात्रि के त्योहार पर श्रद्धालुओं ने व्रत भी रखा।

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